सर्वोच्च पद प्राप्ति के लिये अत्रिमुनि द्वारा श्रीराम स्तुति



श्री अत्रि मुनि द्वारा ‘श्रीराम-स्तुति’ का नित्य पाठ करें।
छंदः-
“नमामि भक्त वत्सलं । कृपालु शील कोमलं ॥
भजामि ते पदांबुजं । अकामिनां स्वधामदं ॥
निकाम श्याम सुंदरं । भवाम्बुनाथ मंदरं ॥
प्रफुल्ल कंज लोचनं । मदादि दोष मोचनं ॥
प्रलंब बाहु विक्रमं । प्रभोऽप्रमेय वैभवं ॥
निषंग चाप सायकं । धरं त्रिलोक नायकं ॥
दिनेश वंश मंडनं । महेश चाप खंडनं ॥
मुनींद्र संत रंजनं । सुरारि वृंद भंजनं ॥
मनोज वैरि वंदितं । अजादि देव सेवितं ॥
विशुद्ध बोध विग्रहं । समस्त दूषणापहं ॥
नमामि इंदिरा पतिं । सुखाकरं सतां गतिं ॥
भजे सशक्ति सानुजं । शची पतिं प्रियानुजं ॥
त्वदंघ्रि मूल ये नराः । भजंति हीन मत्सरा ॥
पतंति नो भवार्णवे । वितर्क वीचि संकुले ॥
विविक्त वासिनः सदा । भजंति मुक्तये मुदा ॥
निरस्य इंद्रियादिकं । प्रयांति ते गतिं स्वकं ॥
तमेकमभ्दुतं प्रभुं । निरीहमीश्वरं विभुं ॥
जगद्गुरुं च शाश्वतं । तुरीयमेव केवलं ॥
भजामि भाव वल्लभं । कुयोगिनां सुदुर्लभं ॥
स्वभक्त कल्प पादपं । समं सुसेव्यमन्वहं ॥
अनूप रूप भूपतिं । नतोऽहमुर्विजा पतिं ॥
प्रसीद मे नमामि ते । पदाब्ज भक्ति देहि मे ॥
पठंति ये स्तवं इदं । नरादरेण ते पदं ॥
व्रजंति नात्र संशयं । त्वदीय भक्ति संयुता ॥” (अरण्यकाण्ड)






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श्री अत्रि मुनि द्वारा 'श्रीराम-स्तुति' का नित्य पाठ करें। छंदः-. “नमामि भक्त वत्सलं । कृपालु शील कोमलं ॥ भजामि ते पदांबुजं । अकामिनां स्वधामदं ॥ निकाम श्याम सुंदरं । भवाम्बुनाथ मंदरं ॥ प्रफुल्ल कंज लोचनं । मदादि दोष मोचनं ॥ प्रलंब बाहु ...

मानस के सिद्ध स्तोत्रों के अनुभूत प्रयोग ...
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श्री अत्रि मुनि द्वारा 'श्रीराम-स्तुति' का नित्य पाठ करें। छंदः- “नमामि भक्त वत्सलं । कृपालु शील कोमलं ॥ भजामि ते पदांबुजं । अकामिनां स्वधामदं ॥ निकाम श्याम सुंदरं । भवाम्बुनाथ मंदरं ॥ प्रफुल्ल कंज लोचनं । मदादि दोष मोचनं ॥ प्रलंब बाहु ...

मानस के सिद्ध स्तोत्रों के अनुभूत प्रयोग
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गोस्वामी श्री तुलसी दास जी ने श्री राम चरित मानस की रचना के समस्त मानव जाति पर जो उपकार किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. ... श्री अत्रि मुनि द्वारा रचित 'श्रीराम-स्तुति' का नित्य प्रातः व सायकाल दीप जला कर पाठ करें।

अत्रि मुनि द्वारा श्री राम स्तुति
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अरण्यकाण्ड अत्रि मुनि द्वारा श्री राम स्तुति. नमामि भक्त वत्सलम् । कृपालु शील कोमलम् ॥ भजामि ते पदाम्बुजम् । अकामिनाम् स्वधामदम् ॥ निकाम् श्याम् सुन्दरम् । भवाम्बुनाथ मन्दरम् ॥ प्रफुल्ल कञ्ज लोचनम् । मदादि दोष मोचनम् ॥1॥ प्रलम्ब ...

अत्रि मुनि द्वारा श्री राम स्तुति | Praying Sri ...
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अरण्यकाण्ड अत्रि मुनि द्वारा स्तुति. Aranyakand Praying Sri Rama by Sage Atri. नमामि भक्त वत्सलम् । कृपालु शील कोमलम् ॥ भजामि ते पदाम्बुजम् । अकामिनाम् स्वधामदम् ॥ निकाम् श्याम् सुन्दरम् । भवाम्बुनाथ मन्दरम् ॥ प्रफुल्ल कञ्ज लोचनम् । मदादि ...

श्री राम स्तुति (Lord Rama's Prayer by Atri Muni ...
agoodplace4all.com/archives/2306
 तुलसीदास (Tulsidas) रचित रामचरितमानस (Ramcharitmanas) के अरण्यकाण्ड में अत्रि मुनि (Atri Muni) भगवान राम की स्तुति (Lord Ramas' prayer) इस प्रकार से करते हैं –. नमामि भक्त वत्सलं, कृपालु शील कोमलं। भजामि ते पदांबुजं, अकामिनां ...

True Ya False I Dont Know: टोटके
rekhabloge.blogspot.com/2010/03/blog-post_27.html
४॰ श्री गोस्वामी तुलसीदास विरचित “अत्रिमुनि द्वारा श्रीराम स्तुति´´ का नित्य पाठ करें। निम्न छन्द अरण्यकाण्ड में वर्णित है।`मानस पीयूष´ के अनुसार यह `राम चरित मानस की नवीं स्तुति है और नक्षत्रों में नवाँ नक्षत्र आश्लेषा ...

मुनि अत्रि ने इस स्तुति से की थी श्रीराम की ...
religion.bhaskar.com › ... › Navratri › Pooja Process
utsav- Atri muni was the worship lord ram of this praise. ... इनके माध्यम से श्रीराम को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसी ही एक स्तुति का वर्णन रामचरितमानस के अरण्यकाण्ड में आया है। भगवान राम की यह स्तुति मुनि अत्रि द्वारा की गई है।

Astrology Online, Indian Astrology: Shri Ram Stuti
astrologyindianjotish.blogspot.com/p/shri-ram-stuti.html Shri Ram Stuti. श्री गोस्वामी तुलसीदास विरचित “अत्रिमुनि द्वारा श्रीराम स्तुति´´ का नित्य पाठ करें। निम्न छन्द अरण्यकाण्ड में वर्णित है। `मानस पीयूष´ के अनुसार यह `राम चरित मानस की नवीं स्तुति है और नक्षत्रों में नवाँ नक्षत्र आश्लेषा ...

कल्याणवाणी: 10/07/11
kalyanvaani.blogspot.com/2011_10_07_archive.html
“श्रीराम–” से लेकर “–सिद्ध करैं हनुमान” तक एक बैठक में ही इसकी एक माला जप करनी है। गूगुल की .... 'माता सीता की स्तुति' का नित्य श्रद्धा-विश्वासपूर्वक पाठ करें। ... श्री अत्रि मुनि द्वारा 'श्रीराम-स्तुति' का नित्य पाठ करें। 

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