अनाहत - विकिपीडिया
https://hi.wikipedia.org/wiki/अनाहत
(२) वह शब्द ब्रह्म जो व्यापक नाद के रूप में सारे ब्रह्मांड में व्याप्त है और जिसकी ध्वनि मधुर संगीत जैसी है। यूरोप के प्राचीन ... सूर्य एवं चंद्र अथवा नाद एवं बिंदु के मिलन से अनाहत तुरही बजने लगाती है (गोरखबानी, सबदी ५४ तथा क. ग्रं.)। यह मिलन हो ...
अनाहत नाद - यूट्यूब
https://www.youtube.com/watch?v=6QMuVFbVYh8
भारत 2013 वीडियो © नेटली स्पेथ संगीत में वीडियो शॉट के असेंबल: परेसे परे है, जूडिथ कॉर्नेल में अंतिम कट प्रो संपादित।
https://www.youtube.com/watch?v=6QMuVFbVYh8
भारत 2013 वीडियो © नेटली स्पेथ संगीत में वीडियो शॉट के असेंबल: परेसे परे है, जूडिथ कॉर्नेल में अंतिम कट प्रो संपादित।
अनाहत NAD - यूट्यूब
https://www.youtube.com/watch?v=H46IoUvLFHc
4. आंतरिक और बाहरी ध्वनि (अनाहत और Ahata) या (आंतरिक और बाहरी संगीत) -अर्थ - इनर ध्वनि को सुन - आंतरिक संगीत और हार्ट - बाहरी संगीतऔर ब्रेन 5 ...
https://www.youtube.com/watch?v=H46IoUvLFHc
4. आंतरिक और बाहरी ध्वनि (अनाहत और Ahata) या (आंतरिक और बाहरी संगीत) -अर्थ - इनर ध्वनि को सुन - आंतरिक संगीत और हार्ट - बाहरी संगीतऔर ब्रेन 5 ...
अनाहत नाद - आपसी संबंध - Dada Bhagwan Foundation
hindi.dadabhagwan.org/path-to.../sound-meditation/
अनाहत नाद. प्रश्नकर्ता: अनाहत नाद अर्थात् क्या? दादाश्री: शरीर के किसी भी भाग का नाद पकड़ लेते हैं, वह हार्ट के पास, कोहनी के पास, कलाई के पास नाद आता है, उस नाद के आधार पर एकाग्रता हो जाती है और उसमें से आगे बढ़ते हैं। वह किस प्रकार का ...
hindi.dadabhagwan.org/path-to.../sound-meditation/
अनाहत नाद. प्रश्नकर्ता: अनाहत नाद अर्थात् क्या? दादाश्री: शरीर के किसी भी भाग का नाद पकड़ लेते हैं, वह हार्ट के पास, कोहनी के पास, कलाई के पास नाद आता है, उस नाद के आधार पर एकाग्रता हो जाती है और उसमें से आगे बढ़ते हैं। वह किस प्रकार का ...
अनाहत नाद ब्रह्म की साधना ओंकार के माध्यम ... - Literature
literature.awgp.org/akhandjyoti/1977/June/v2.19
अनाहत नाद ब्रह्म की साधना ओंकार के माध्यम से. June 1977. Scan Magazine Version. ब्रह्माण्डीय चेतना एवं सशक्तता का उद्गम स्रोत कहाँ है। इसकी तलाश करते हुए तत्त्वदर्शी ऋषि अपने गहन अनुसन्धानों के सहारे इस निष्कर्ष पर पहुँचे है क यह समस्त हलचलें ...
literature.awgp.org/akhandjyoti/1977/June/v2.19
अनाहत नाद ब्रह्म की साधना ओंकार के माध्यम से. June 1977. Scan Magazine Version. ब्रह्माण्डीय चेतना एवं सशक्तता का उद्गम स्रोत कहाँ है। इसकी तलाश करते हुए तत्त्वदर्शी ऋषि अपने गहन अनुसन्धानों के सहारे इस निष्कर्ष पर पहुँचे है क यह समस्त हलचलें ...
दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य – सिर्फ इस आवाज को ...
www.svyambanegopal.com/दुनिया-का-सबसे-ब...
वास्तव में हमारा शरीर आश्चर्यों का खजाना है और एक से बढ़कर एक विचित्र क्रियाएं हैं जिन्हें करने से अदभुत, चमत्कारी लाभ, सिद्धियाँ मिलती है | इन्ही रहस्यमय क्रियाओं में से एक है अनाहत नाद साधना ! हमारे शरीर में हर समय एक दिव्य आवाज पैदा ...
ये ब्रह्म नाद के रूप मेँ प्रत्येक व्यक्ति के भीतर और इस ब्रह्मांड में सतत् गूँजता रहता है। इसके गूँजते रहने का कोई कारण नहीं। सामान्यत: नियम है कि ध्वनि उत्पन्न होती है किसी की टकराहट से, ...
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वास्तव में हमारा शरीर आश्चर्यों का खजाना है और एक से बढ़कर एक विचित्र क्रियाएं हैं जिन्हें करने से अदभुत, चमत्कारी लाभ, सिद्धियाँ मिलती है | इन्ही रहस्यमय क्रियाओं में से एक है अनाहत नाद साधना ! हमारे शरीर में हर समय एक दिव्य आवाज पैदा ...
ये ब्रह्म नाद के रूप मेँ प्रत्येक व्यक्ति के भीतर और इस ब्रह्मांड में सतत् गूँजता रहता है। इसके गूँजते रहने का कोई कारण नहीं। सामान्यत: नियम है कि ध्वनि उत्पन्न होती है किसी की टकराहट से, ...
अनाहत चक्र - Yoga in Daily Life
www.yogaindailylife.org/system/hi/.../अनाहत-चक्र
अनाहत नाद = शाश्वत ध्वनि ॐ ध्वनि. अनाहत चक्र हृदय के निकट सीने के बीच में स्थित है। इसका मंत्र यम(YAM)है। अनाहत चक्र का रंग हलका नीला, आकाश का रंग है। इसका समान रूप तत्त्व वायु है। वायु प्रतीक है-स्वतंत्रता और फैलाव का। इसका अर्थ है कि इस ...
www.yogaindailylife.org/system/hi/.../अनाहत-चक्र
अनाहत नाद = शाश्वत ध्वनि ॐ ध्वनि. अनाहत चक्र हृदय के निकट सीने के बीच में स्थित है। इसका मंत्र यम(YAM)है। अनाहत चक्र का रंग हलका नीला, आकाश का रंग है। इसका समान रूप तत्त्व वायु है। वायु प्रतीक है-स्वतंत्रता और फैलाव का। इसका अर्थ है कि इस ...
अनाहत नाद - Livehindustan.com
www.livehindustan.com/.../article1--अनाहत-नाद--5...
संस्कृत शब्द 'अनाहत यानी अन् जमा आहत' के तद्भव हैं 'अनहद' और 'अनाहद'। दोनों का ठीक वही अर्थ है जो 'अनाहत' का है। तीनों 'नाद (ध्वनि)' के विशेषण हैं। अन् यानी विना आहत के , जिसपर थप या ताल दिया गया हो या ऐसा वाद्यवृंद, जो थाप दिए बिना भी बजता हो, ...
त्येक व्यक्ति के भीतर और इस ब्रह्मांड में सतत गूँजता रहता है। इसके गूँजते रहने का कोई कारण नहीं। सामान्यत: नियम है कि ध्वनी उत्पन्न होती है किसी की टकराहट से, लेकिनअनाहत को उत्पन्न नहीं किया जा सकता।
www.livehindustan.com/.../article1--अनाहत-नाद--5...
संस्कृत शब्द 'अनाहत यानी अन् जमा आहत' के तद्भव हैं 'अनहद' और 'अनाहद'। दोनों का ठीक वही अर्थ है जो 'अनाहत' का है। तीनों 'नाद (ध्वनि)' के विशेषण हैं। अन् यानी विना आहत के , जिसपर थप या ताल दिया गया हो या ऐसा वाद्यवृंद, जो थाप दिए बिना भी बजता हो, ...
त्येक व्यक्ति के भीतर और इस ब्रह्मांड में सतत गूँजता रहता है। इसके गूँजते रहने का कोई कारण नहीं। सामान्यत: नियम है कि ध्वनी उत्पन्न होती है किसी की टकराहट से, लेकिनअनाहत को उत्पन्न नहीं किया जा सकता।
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