काल यानी समय का निर्धारण भी निम्न प्रकार से करना चाहिए
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शांति कर्म अर्द्धरात्रि में
पौष्टिक कर्म प्रभात काल में
वशीकरण कर्म ,
दिन में बारह बजे से पहले ( पूर्वाह्न में
आकर्षण कर्म व दिन में बारह बजे से पहले
( पूर्वाह्न
में )
स्तंभन कर्म दिन में बारह बजे से पहले
( पूर्वाह्न
में
विद्वेषण कर्म मध्याह्न में
उच्चाटन कर्म दोपहर बाद अपराह्न में
मारण कर्म संध्याकाल में