मंत्र - साधना में तत्त्वादि का विचार



तत्त्वादि का विचार निम्न प्रकार से करें -
आकर्षण कर्म में अग्नि
वशीकरण शांति कर्म में जल
स्तंभन पौष्टिक कर्म में पृथ्वी
विद्वेषण उच्चाटन कर्म में वायु
मारण कर्म में व्योम