gayathri mantra गायत्री मंत्र

सूर्य गायत्री, चन्द्र गायत्री,मंगल गायत्री,बुध गायत्री,गुरु गायत्री,शुक्र गायत्री,शनि गायत्री,राहू गायत्री,केतु गायत्री,ब्रम्हा गायत्री,विष्णु गायत्री,शिव गायत्री,कृष्ण गायत्री,राधा गायत्री,लक्ष्मी गायत्री,तुलसी गायत्री,इन्द्र गायत्री,सरस्वती गायत्री,दुर्गा गायत्री,हनुमान गायत्री,पृथ्वी गायत्री,राम गायत्री,सीता गायत्री,वरुण गायत्री,नारायण गायत्री,हयग्रीव गायत्री,हंसा गायत्री.
सूर्य गायत्री-"ॐ आदित्याय च विधमहे प्रभाकराय धीमहि, तन्नो सूर्य :प्रचोदयात "।
चन्द्र गायत्री-ॐ अमृतंग अन्गाये विधमहे कलारुपाय धीमहि,तन्नो सोम प्रचोदयात"।
मंगल गायत्री -"ॐ अंगारकाय विधमहे शक्तिहस्ताय धीमहि, तन्नो भोम :प्रचोदयात"।
बुध गायत्री-"ॐ सौम्यरुपाय विधमहे वानेशाय च धीमहि, तन्नो सौम्य प्रचोदयात"।
गुरु गायत्री-"ॐ अन्गिर्साय विधमहे दिव्यदेहाय धीमहि, जीव: प्रचोदयात "|
शुक्र गायत्री -"ॐ भ्र्गुजाय विधमहे दिव्यदेहाय, तन्नो शुक्र:प्रचोदयात"।
शनि गायत्री-"ॐ भग्भवाय विधमहे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो सौरी:प्रचोदयात "।
राहू गायत्री-"ॐ शिरोरुपाय विधमहे अमृतेशाय धीमहि, तन्नो राहू:प्रचोदयात"।
केतु गायत्री-"ॐ पद्म्पुत्राय विधमहे अम्रितेसाय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात"।
ब्रम्हा गायत्री -"ॐ वेदात्मने च विधमहे हिरंगार्भाय तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात "।
विष्णु गायत्री-"ॐ नारायण विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात"।
शिव गायत्री-ॐ महादेवाय विधमहे, रुद्रमुर्तय धीमहि तन्नो शिव: प्रचोदयात "।
कृष्ण गायत्री-ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे, वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात "|
राधा गायत्री - ॐ वृष भानु: जायै विधमहे, क्रिश्न्प्रियाय धीमहि तन्नो राधा :प्रचोदयात "|
लक्ष्मी गायत्री- ॐमहालाक्ष्मये विधमहे, विष्णु प्रियाय धीमहि तन्नो लक्ष्मी:प्रचोदयात|
तुलसी गायत्री-ॐ श्री तुल्स्ये विधमहे, विश्नुप्रियाय धीमहि तन्नो वृंदा:प्रचोदयात "|
इन्द्र गायत्री-ॐ सहस्त्र नेत्राए विधमहे वज्रहस्ताय धीमहि तन्नो इन्द्र:प्रचोदयात "।
सरस्वती गायत्री-ॐ वाग देव्यै विधमहे काम राज्या धीमहि तन्नो सरस्वती :प्रचोदयात "।
दुर्गा गायत्री-ॐ गिरिजाये विधमहे, शिवप्रियाय धीमहि तन्नो दुर्गा :प्रचोदयात "|
हनुमान गायत्री-ॐ अन्जनिसुताय विधमहे वायु पुत्राय धीमहि, तन्नो मारुती :प्रचोदयात "।
पृथ्वी गायत्री-ॐ पृथ्वी देव्यै विधमहे सहस्र मूरतयै धीमहि तन्नो पृथ्वी :प्रचोदयात "।
राम गायत्री-ॐ दशारथाय विधमहे सीता वल्लभाय धीमहि तन्नो राम :प्रचोदयात "।
सीता गायत्री-ॐ जनक नंदिन्ये विधमहे भुमिजाय धीमहि तन्नो सीता :प्रचोदयात "|
यम् गायत्री-ॐ सुर्यपुत्राय विधमहे, महाकालाय धीमहि तन्नो यम् :प्रचोदयात "।
वरुण गायत्री-ॐ जल बिम्बाय विधमहे नील पुरु शाय धीमहि तन्नो वरुण :प्रचोदयात "।
नारायण गायत्री- ॐनारायण विधमहे, वासुदेवाय धीमहि तन्नो नारायण :प्रचोदयात "।
हयग्रीव गायत्री-ॐ वाणीश्वराय विधमहे, हयग्रीवाय धीमहि तन्नो हयग्रीव :प्रचोदयात "|
हंसा गायत्री-ॐ परम्ह्न्साय विधमहे, महा हंसाय धीमहि तन्नो हंस: प्रचोदयात "|