ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षःप्रचोदयात्।

विष्णुप्रिया लक्ष्मी, शिवप्रिया सती से प्रकट हुई कामेक्षा भगवती आदि शक्ति युगल मूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार, दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा व्यय घटा, दया कर माई। ऊँ नमः विष्णुप्रियाय, ऊँ नमः शिवप्रियाय, ऊँ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा
प्रार्थना
हे मां लक्ष्मी, शरण हम तुम्हारी।
पूरण करो अब माता कामना हमारी।।
धन की अधिष्ठात्री, जीवन-सुख-दात्री।
सुनो-सुनो अम्बे सत्-गुरु की पुकार।
शम्भु की पुकार, मां कामाक्षा की पुकार।।
तुम्हें विष्णु की आन, अब मत करो मान।
आशा लगाकर अम देते हैं दीप-दान।।
“ॐ नमः विष्णु-प्रियायै, ॐ नमः कामाक्षायै। ह्रीं ह्रीं ह्रीं क्रीं क्रीं क्रीं श्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।”
मोहिनी मोहिनी मैं करा मोहिनी मेरा नाम |राजा मोहा प्रजा मोहा मोहा शहर ग्राम ||त्रिंजन बैठी नार मोहा चोंके बैठी को |स्तर बहतर जिस गली मैं जावा सौ मित्र सौ वैरी को ||वाजे मन्त्र फुरे वाचा |देखा महा मोहिनी तेरे इल्म का तमाशा ||

शाम्भवी महामुद्रा


शाम्भवी महामुद्रा बेहतर स्वास्थ्य की गारंटी है ...
isha.sadhguru.org/.../behtar-swasthya-kee-garanti-hai-...
शाम्भवी से होने वाले फायदों पर मेडिकल रिसर्च से पता चला है कि तमाम मानसिक और शारीरिक रोगों से पीडि़त लोग अगर नियमित रूप से ईशा योग का अभ्यास करें तो न केवल उन्हें रोग से राहत मिलती है, बल्कि उनकी दवाएं तक बंद हो सकती हैं।

शाम्भवी Mahamudra, एक सच्चा चमत्कार - यूट्यूब
https://www.youtube.com/watch?v=mWm-CztZqsg
सद्गुरु कैसे मानव कार्य प्रणाली और कैसे उस की प्रकृति बताते हैंसकारात्मक, योग के माध्यम से प्रभावित किया जा सकता का कहना है कि किसी के जीवन के लिए भी हो सकता ...

योग इनर अन्वेषण के लिए: शाम्भवी मुद्रा - यूट्यूब
https://www.youtube.com/watch?v=C_xsXnRd_uc
शाम्भवी मुद्रा एक आसान, सरल प्रक्रिया है कि अपनी धारणा को बढ़ाता हैऔर आप जीवन के उस आयाम, अक्सर के रूप में अनुग्रह। एक्सप्लोरेशन करार दिया करने के लिए ...
आँखें खुली हों, लेकिन आप देख नहीं सकते। ऐसी स्थिति जब सध जाती है तो उसे शाम्भवी मुद्रा कहते हैं। ऐसी स्थिति में आप नींद का मजा भी ले सकते हैं। यह बहुत कठिन साधना है। इसके ठीक उल्टा कि जब आँखें बंद हो तब आप देख सकते हैं यह भी बहुत कठिन ...

.:: सात मुद्राएँ (अखिल विश्व गायत्री परिवार)
hindi.awgp.org/gayatri/...Life.../sat_mudraye
महामुद्रा—बाएँ पैर की एड़ी को गुदा तक मूत्रेन्द्रिय के बीच सीवन भाग में लगायें और दाहिना पैर लम्बा कर दीजिए। ... शाम्भवी मुद्रा—आसन लगाकर दोनों भौहों के बीच में दृष्टि को जमाकर भ्रूकुटी में ध्यान करने कोशाम्भवी मुद्रा कहते हैं।

How to practice Shambhavi Mahamudra? What is the procedure - Quora
https://www.quora.com/How-can-I-practice-Shambhavi-Mahamudra-Wh...
About Sambhavi Mahamudra :- Sambhavi Mahamudra is a supreme method of centering yourself , devised by Lord Shiva himself. This is just one of the 108 methods of Vigyana Bhairav Tantra — but the most potent one. Shambhavi Mudra is an act of concentrating on the inner third eye of Shiva ( Ajna Chakra ). It does not mean ...

Shambhavi Mahamudra with Sadhguru - YouTube
https://www.youtube.com/watch?v=K9mczp08iQQ
http://www.sadhguruinlondon.com A life-transforming weekend with Sadhguru The Inner Engineering Online

Isha USA Blog | Be, Breathe, Blossom What is Shambhavi Mahamudra ...
www.ishafoundation.org/us/blog/what-is-shambhavi-mahamudra-kriya/
This month, on Oct 24-25, Sadhguru will be offering the powerful Shambhavi Mahamudra kriya in Santa Clara, California. This 1 1/2 day program is a rare opportunity to learn a life transforming practice directly from Sadhguru. The program has been experienced by thousands of people in North America ...

Shambhavi Mahamudra - Inner Engineering
https://www.innerengineering.com/ieo-new/shambhavi-mahamudra/
If the Inner Engineering Online course has helped you take steps towards your inner transformation and you are longing to experience a deeper dimension of what Sadhguru has to offer, the next step for you is to move into the experiential aspect of yogic practices by being initiated into Shambhavi Mahamudra. Shambhavi ...

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“ॐ नमो भगवते काम-देवाय श्रीं सर्व-जन-प्रियाय सर्व-जन-सम्मोहनाय ज्वल-ज्वल, प्रज्वल-प्रज्वल, हन-हन, वद-वद, तप-तप,सम्मोहय-सम्मोहय, सर्व-जनं मे वशं कुरु-कुरु स्वाहा।”
बंगाल की रानी करे मेहमानी मुंज बनी के कावा पद्मावती बैठ खावे मावा सत्तर सुलेमान ने हनुमान को रोट लगाया हनुमान ने राह संकट हराया तारा देवी आवे घर हात उठाके देवे वर सतगुरु ने सत्य का शब्द सुनाया सुन योगी आसन लगाया किसके आसन किसके जाप जो बोल्यो सत गुरु आप हर की पौड़ी लक्ष्मी की कौड़ी सुलेमान आवे चढ़ घोड़ी आउ आउ पद्मा वती माई करो भलाई न करे तोह गुरु गोरक्ष की दुहाई.