ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षःप्रचोदयात्।

विष्णुप्रिया लक्ष्मी, शिवप्रिया सती से प्रकट हुई कामेक्षा भगवती आदि शक्ति युगल मूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार, दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा व्यय घटा, दया कर माई। ऊँ नमः विष्णुप्रियाय, ऊँ नमः शिवप्रियाय, ऊँ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा
प्रार्थना
हे मां लक्ष्मी, शरण हम तुम्हारी।
पूरण करो अब माता कामना हमारी।।
धन की अधिष्ठात्री, जीवन-सुख-दात्री।
सुनो-सुनो अम्बे सत्-गुरु की पुकार।
शम्भु की पुकार, मां कामाक्षा की पुकार।।
तुम्हें विष्णु की आन, अब मत करो मान।
आशा लगाकर अम देते हैं दीप-दान।।
“ॐ नमः विष्णु-प्रियायै, ॐ नमः कामाक्षायै। ह्रीं ह्रीं ह्रीं क्रीं क्रीं क्रीं श्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।”
मोहिनी मोहिनी मैं करा मोहिनी मेरा नाम |राजा मोहा प्रजा मोहा मोहा शहर ग्राम ||त्रिंजन बैठी नार मोहा चोंके बैठी को |स्तर बहतर जिस गली मैं जावा सौ मित्र सौ वैरी को ||वाजे मन्त्र फुरे वाचा |देखा महा मोहिनी तेरे इल्म का तमाशा ||

सुदर्शन क्रिया कैसे करे


सुदर्शन क्रिया क्या है ? | Sudarshan Kriya in Hindi ...
www.artofliving.org/in-hi/sudarshan-kriya
Sudarshan Kriya in Hindi | सुदर्शन क्रिया का नियमित अभ्यास आपकी निरोगता को बढ़ाकर आपको जीवनभर स्वस्थ और प्रसन्न रखता है! सुदर्शन क्रिया स्वास्थ्य, प्रसन्नता, शांति और जीवन से परे के ज्ञान का अनजाना रहस्य है! सुदर्शन क्रिया कैसे करे| सुदर्शन ...

सुदर्शन क्रिया - Vimeo पर एक योग श्वास निर्देश ट्यूटोरियल
https://vimeo.com › cfsKnowledgeCenter › Videos
सुदर्शन क्रिया योग साँस लेने की तकनीक की एक किस्म में कार्यरत हैविभिन्न योग विषयों। इस संक्षिप्त वीडियो न केवल के कई लाभों की रूपरेखा...

सुदर्शन क्रिया – साँस लेने की एक लयात्मक, आरोग्यकर ...
www.artofliving.org/in.../sudarshan-kriya/experience-...
अतः सुदर्शन क्रिया एक साँस लेने की लयात्मक, शक्तिशाली और स्वास्थ्यवर्धक विधि है। सन 1982 से ले कर आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों और गतिविधिओं की आधारशिला सुदर्शन क्रिया ही है।
आज सुबह भी जून ने उठकर अपना अभ्यास ( प्राणायाम+सुदर्शन क्रिया ) पूरा किया तो वह उठी. .... Anita: यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! .... कैसा तेरा प्यार था.

सुदर्शन क्रिया से तीन दिनों में बदल गई जिंदगी ...
www.bhaskar.com › Bihar › Patna
आर्टऑफ लिविंग की ओर से तीन दिनों तक चले हैप्पीनेस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों नेसुदर्शन क्रिया का अभ्यास... ... Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करे! हर पल अपडेट रहने के लिए ...

सुदर्शन क्रिया विधि | Meditation for Beginners
https://oshoisyours.wordpress.com/.../सुदर्शन-क्रिया-विधि/
Posts about सुदर्शन क्रिया विधि written by Osho Hindi Books. ... Kewal saral vidhi dwara shurwat kare jab gehre hote jaoge tab dekhenge. ye wahi baat karte ho ki manzil par phuchna hai aur sidi pe bhi chaalang marni hai Dhire dhire chdo warna giroge aur kahi nai phuch paaoge. 15mint se ...

प्रक्रिया – उठो! जागो!
https://uthojago.wordpress.com/tag/प्रक्रिया/
सुदर्शन क्रिया सिखाने से पूर्व साधक को पूरा तैयार करते है। इसीलिए हर ... तभी उसे क्रिया के प्रति श्रद्धा आती है, क्रिया के प्रति सम्मान आता हेेै तो संकल्प के साथ करता है। संकल्प के साथ ... अवचेतन मन क्या है एवं इसका उपयोग कैसे करे ...

सुदर्शन क्रिया | ज्ञान के मोती
wisdomfromsrisriravishankarhindi.blogspot.com/.../bl...
सुदर्शन क्रिया. जब कोई भी व्यक्ति का जन्म होता है तो वह सबसे पहला कृत्य जो करता वह सांस लेता है। जब कोई व्यक्ति दुनिया छोड़ देता है तो भी अंतिम कृत्य के रूप में ... विश्व के प्रत्येक धर्म आपको आपके मन पर कैसे विजय पाना है, यह सिखाते हैं।

सुदर्शन क्रिया भीतरी सफाई के लिए 'वैक्यूम क्लीनर ...
www.jagran.com/punjab/amritsar-10638165.html
सुदर्शन क्रिया भीतरी सफाई के लिए 'वैक्यूम क्लीनर' है : स्वामी नित्य प्रज्ञा. अशोक नीर, अमृतसर. आर्ट आफ लिविंग के स्वामी ऋषि नित्य प्रज्ञा का कहना है कि सांस व मन एक-दूसरे के साथ जुड़े हैं। मन की स्थिति बदलनी है तो सांस की ...

रवि शंकर (आध्यात्मिक गुरू) - विकिपीडिया
https://hi.wikipedia.org/.../रवि_शंकर_(आध्यात्...
रविशंकर लोगों को सुदर्शन क्रिया सशुल्क सिखाते हैं । इसके बारे में वो कहते हैं कि १९८२ में दस दिवसीय मौन के दौरान कर्नाटक के भद्रा नदी के तीरे लयबद्ध सांस लेने की क्रिया एक कविता या एक प्रेरणा की तरह उनके जेहन में उत्पन्न हुई । उन्होंने इसे

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“ॐ नमो भगवते काम-देवाय श्रीं सर्व-जन-प्रियाय सर्व-जन-सम्मोहनाय ज्वल-ज्वल, प्रज्वल-प्रज्वल, हन-हन, वद-वद, तप-तप,सम्मोहय-सम्मोहय, सर्व-जनं मे वशं कुरु-कुरु स्वाहा।”
बंगाल की रानी करे मेहमानी मुंज बनी के कावा पद्मावती बैठ खावे मावा सत्तर सुलेमान ने हनुमान को रोट लगाया हनुमान ने राह संकट हराया तारा देवी आवे घर हात उठाके देवे वर सतगुरु ने सत्य का शब्द सुनाया सुन योगी आसन लगाया किसके आसन किसके जाप जो बोल्यो सत गुरु आप हर की पौड़ी लक्ष्मी की कौड़ी सुलेमान आवे चढ़ घोड़ी आउ आउ पद्मा वती माई करो भलाई न करे तोह गुरु गोरक्ष की दुहाई.